वृंदा करात से एक्सक्लूसिव बातचीत: बंगाल हिंदुत्ववादी नहीं है; लेकिन ममता ने BJP-RSS को खुली छूट दी है, भाजपा के पास यहां कोई स्थानीय नेता ही नहीं हैं

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नई दिल्ली14 घंटे पहलेलेखक: रवि यादव

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बंगाल चुनाव में TMC और BJP अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस और CPM का संयुक्त मोर्चा भी खुद को सत्ता की दौड़ में शामिल बता रहा है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की नेता वृंदा करात ने कहा कि ‘माहौल देखने से पता लगता है कि त्रिकोणीय संघर्ष है। BJP के 65% उम्मीदवार ऐसे है जो या तो TMC से या दूसरे दलों से आए हैं। बंगाल में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर चुनाव आयोग को ध्यान देना चाहिए।’ पश्चिम बंगाल की मौजूदा हालात पर वृंदा करात ने भास्कर से विशेष बातचीत की। पेश है बातचीत के प्रमुख अंश…

बंगाल में TMC व BJP काफी चर्चा में हैं। CPI(M) कहां है?
मीडिया में दोनों के बीच ही मुकाबला दिखाने का प्रयास हो रहा है। लेकिन, धरातल पर कांग्रेस और लेफ्ट के संयुक्त मोर्चा को जनता पसंद कर रही है। बंगाल में मुकाबला त्रिकोणीय है।

क्या आपको लगता है कि बंगाल अब हिंदुत्ववादी हो गया है?
बंगाल हिंदुत्ववादी नहीं हुआ है, लेकिन TMC ने BJP और RSS को खुली छूट दी है। पिछले दस सालों से TMC ने लेफ्ट पर दमन चक्र चलाया। TMC की छत्रछाया में ही BJP आगे बढ़ रही है। दोनों दल धर्म का दुरुपयोग करके वोट डायवर्ट करने का प्रयास कर रहे हैं।

बंगाल के चुनाव के बारे में कहा जाता है कि चुनाव में असली लड़ाई बूथ पर होती है। इसका सामना लेफ्ट कैसे करेगा?
हम 2011 से ही इसका शिकार हैं। उसके बाद कोई भी चुनाव निष्पक्ष रूप से नहीं हुए हैं। TMC के लोग BJP में शामिल हो कर अब गुंडागर्दी कर रहे हैं। इस पर चुनाव आयोग को ध्यान देना चाहिए।

यदि भाजपा बंगाल चुनाव में और ताकतवर होकर उभरती है तो इसकी क्या वजह होगी?
हम भाजपा के ताकतवर होने की बात नहीं मान सकते। भाजपा के पास कोई स्थानीय नेता बंगाल में नहीं है। ऐसा पहली बार हुआ है कि केंद्रीय गृह मंत्री वहां जाकर पार्टी का घोषणा पत्र जारी कर रहे हैं। BJP के ज्यादातर नेता दूसरे दलों से आए हुए हैं।

BJP दावा कर रही है कि लोकसभा में उन्होंने 18 सीटों पर जीत हासिल की और अब बंगाल में सरकार बनाएंगे?
BJP का सपना गैस का गुब्बारा है, जो दो मई को फूटेगा और BJP को पता चल जाएगा।

आप बंगाल में किसे ज्यादा ताकतवर मानती हैं?
जनता की ताकत पिछले तीन सालों से लाल झंडे के साथ जुड रही है। इसके अलावा अन्य दल जो लाल झंडे के साथ जुड़े हैं, उनकी शक्ति बढ़ रही है।

BJP व TMC एक दूसरे पर हर रोज नए आरोप लगाते हैं आपको कितनी सच्चाई नजर आ रही है?
सच्चाई तो बंगाल की जनता के हालात हैं। BJP बंगाल में सोनार बांग्ला की बात कर रही है, तो लोग उनसे पूछते हैं कि पहले उन राज्यों को सोनार क्यों नहीं बनाया, जहां BJP की सरकार चल रही है। ये सब चुनावी जुमले हैं। TMC के दस साल के राज में बंगाल लूट का प्रदेश बन गया है। BJP वाले TMC के 10 साल के राज की नाराजगी का फायदा उठाने में लगे हैं। जिसमें वो कामयाब नहीं होंगे।

आप बंगाल में त्रिकोणीय मुकाबला मान रही हैं? क्या ऐसा हो सकता है हंग असेंबली आ जाए?
मैं तो सिर्फ यह कह सकती हूं कि राजनैतिक तौर पर कांग्रेस-लेफ्ट के संयुक्त मोर्चा का जो असर है। उसको जानबूझकर अनदेखा किया जा रहा है।

आप अपने सहयोगी दल कांग्रेस को पूरे देश में कितना ताकतवार मानते हैं?
कांग्रेस के अलग-अलग प्रदेशों में अलग-अलग हालात हैं। ये बिलकुल स्पष्ट है कि बंगाल में जो वोट प्रतिशत है वो सही मायने में संयुक्त मोर्चा को मिले तो निश्चित ही मोर्चा ताकतवर बनकर उभरेगा।

CPM बंगाल में कांग्रेस के साथ और केरल में विरोध में हैं। ऐसा क्यों?
हम दोनों का लक्ष्य एक है, BJP के द्वारा धर्म की आड़ में संविधान पर किए जा रहे हमले को रोकना। हम केरल और बंगाल में दो ही नारे लेकर चल रहे हैं। किसी प्रकार का अंतर नहीं है। केरल में वामदल व LDF ही BJP को रोक सकते हैं। बंगाल में हमने कांग्रेस ही नहीं तमाम दूसरी शक्तियों को भी इकट्ठा किया है जो BJP व TMC से लड़ रही हैं।

महाराष्ट्र के मौजूदा राजनीतिक हालात पर क्या कहेंगी?
BJP के खिलाफ उनके सहयोगी दल ही खड़े हो रहे हैं। जैसे पंजाब में अकाली दल व महाराष्ट्र में शिवसेना। बिहार में जो हालात बन रहे हैं, उससे लगता है कि BJP खुद ही आइसोलेट हो जाएगी। BJP की नीति यूज एंड थ्रो की है। जैसे महबूबा को यूज करके जेल में फेंक दिया। राम विलास पासवान के दल के हालात भी खराब हैं। केवल BJP और RSS का ही गठबंधन रहेगा ये उनकी संकीर्ण राजनीति का परिणाम है।

किसान नेता बंगाल में BJP के खिलाफ प्रचार कर रहे हैं। क्या इससे BJP को नुकसान होगा?
देश भर के किसान BJP को हराने के बारे में फैसला ले रहे हैं, क्योंकि BJP वाले विधानसभा और लोकसभा सीटों की जीत को गलत परिभाषित करके अपनी नीतियों की जीत मानते हैं। ऐसा करके भाजपा ये दिखाना चाहती है कि जनता किसान बिलों का समर्थन कर रही है, लेकिन ये सब पैसों और दलबदलुओं के कारण हो रहा है। इसलिए किसान कह रहा है कि BJP हराओ , देश बचाओ।

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