
नई दिल्ली. सीबीएसई ने विवाद बढ़ने के बाद 10वीं कक्षा के अंग्रेजी प्रश्नपत्र में से कुछ प्रश्नों को हटाने का ऐलान किया है. साथ ही सभी छात्रों के लिए एक खुशखबरी भी है. बोर्ड के निर्देश पर छात्रों के इन प्रश्नों को लेकर कोई भी अंक नहीं कटेंगे.
क्या था पूरा मामला
प्रश्नपत्र को लेकर पक्ष विपक्ष समेत कई महिला संगठनों ने इस विवाद पर मोर्चा खोला था. लगभग सभी ने अंग्रेजी की इस परीक्षा में महिलाओं को लेकर लिखे गए एक पैराग्राफ पर सख्त आपत्ति जताई थी. इसी संदर्भ में सीबीएसई ने विवादों पर पूर्णविराम लगाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं
सीबीएसई के निर्देश
जिन सवालों को महिलाओं के लिए अपमानजनक बताया जा रहा था बोर्ड ने उनको हटाने का फैसला किया है. साथ ही इस प्रश्न के लिए सभी छात्रों को पूरे अंक देने के निर्देश जारी किए गए हैं. आपको बता दें कि सोनिया गांधी ने भी बोर्ड और शिक्षा मंत्रालय से प्रश्नपत्र को तत्काल वापस लेने की बात कही थी.
सीबीएसई ने एक बयान में कहा कि 11 दिसंबर को आयोजित सीबीएसई की 10वीं की फर्स्ट-टर्म की परीक्षा के अंग्रेजी प्रश्नपत्र के एक सेट को लेकर कुछ अभिभावकों और छात्रों की मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली है, जिसमें कहा गया है कि यह परिवार के प्रति लैंगिक रूढ़िवादिता को बढ़ावा देते हैं. इसके बाद सीबीएसई ने इस मामले को विषय के विशेषज्ञों के पास भेज दिया था.

महिलाओं के लेकर विवादित बात
प्रश्नपत्र में ‘महिलाओं की आजादी ने बच्चों पर माता-पिता के अधिकार को खत्म कर दिया’ और ‘अपने पति के तौर-तरीके को स्वीकार करके ही एक मां अपने से छोटों से सम्मान पा सकती है’, इस तरह के वाक्यों का विरोध जताया गया था. जिसके बाद सोशल मीडिया पर सीबीएसई के विरोध में हैशटैग की लहर शुरू हो गई.
विशेषज्ञों की प्रतीक्रिया
सीबीएसई ने सलाह लेने के लिए प्रश्नपत्र को विशेषज्ञों के पास भेजा था. विशेषज्ञों का कहना है, ‘इस सवाल के लिए सभी संबंधित छात्रों को पूरे अंक दिए जाएंगे. एकरूपता और समानता सुनिश्चित करने के लिए, प्रश्न पत्र के सभी सेट के नंबर एक के लिए छात्रों को पूर्ण अंक भी दिए जाएंगे.’