उत्तर प्रदेश में स्कूल खोलने के आदेश के विरोध में प्रदेश भर की अभिभावक समितियां एकजुट

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उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से एक सितम्बर से कक्षा 1 से 5 तक के स्कूल खोलने के आदेश का विरोध शुरू हो गया है। सभी अभिभावक समितियों ने एकजुट होकर विरोध किया है। समितियों ने प्रदेश की अन्य समितियों को अपने साथ जोड़ने की पहल भी की है। समिति के महासचिव गगन शर्मा ने गाजियाबाद और नोएडा की अभिभावक एसोसिएशन के साथ वार्ता की और स्कूल खोले जाने को लेकर वृहद स्तर पर विरोध दर्ज कराने की तैयारी शुरू की।

प्रदेश सरकार के आदेश पर पहले कक्षा 9 से 12 तक के स्कूल खुल चुके हैं। 23 अगस्त से कक्षा छह से आठ और एक सितम्बर से कक्षा एक से पांच तक के स्कूल खोलने के आदेश दिए गए हैं। अभिभावकों ने कहा कि बड़े बच्चे सोशल डिस्टेंसिंग एवं कोरोना के नियमों का पालन करना जानते हैं पर कक्षा एक से पांच तक के बच्चे काफी छोटे होते हैं। वे आसानी से कोरोना के नियमों का पालन नहीं कर सकते।
लखनऊ अभिभावक विचार परिषद के अध्यक्ष राकेश कुमार सिंह ने कहा कि कक्षा एक से पांच तक के स्कूल खोलने का आदेश बच्चों की सेहत से खिलवाड़ करने जैसा है। उन्होंने बताया कि 200 से ज्यादा अभिभावकों से इस सम्बंध में संवाद किया गया। सभी ने एकमत होकर कहा कि छोटे बच्चों के स्कूल कम से कम तब तक नहीं खुलना चाहिए जब तक कोरोना का खतरा खत्म नहीं हो जाए। राकेश कुमार सिंह ने कहा कि जो स्कूल अभी खोले गए हैं वहां हम लोगों ने स्वयं जाकर भौतिक सत्यापन किया। कक्षाओं में उपस्थिति बहुत कम
घर-घर जाकर होगा संवाद

लखनऊ अभिभावक विचार परिषद के अध्यक्ष राकेश कुमार सिंह ने कहा कि वर्चुअल मीटिंग में 90 फीसद अभिभावकों ने स्कूल खोले जाने को गलत बताया है। अब परिषद अभिभावकों के घर-घर जाकर संवाद करेगी और मंशा जानेगी। यदि सरकार बच्चों के स्कूल खोलने का आदेश वापस नहीं लेती है तो मजबूरीवश आन्दोलन करना पड़ेगा।

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