
हरियाणा में शुक्रवार से छठवीं से आठवीं तक के सभी स्कूल खुल जाएंगे। विद्यार्थियों को अपने परिजनों से लिखित में स्कूल आने की अनुमति लेनी पड़ेगी। इसी के बाद उन्हें स्कूल में प्रवेश दिया जाएगा। शिक्षा विभाग ने बच्चों को साइकिल में आने और घर से पानी लगाने का निर्देश दिया। इस दौरान स्कूल में मिड डे मिल नहीं मिलेगा। बता दें कि हरियाणा में 16 जुलाई से 9वीं से 12वीं तक के स्कूल खुल चुके हैं।
9वीं से 12वीं के स्कूल खोलने के बाद हरियाणा में शुक्रवार को 6 से 8वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए स्कूल खुलेंगे। इसके लिए स्कूलों ने पूरी तैयारी कर ली है। हालांकि, इस दौरान कोविड नियमों का पालन करना होगा और रोस्टर के हिसाब से 50 प्रतिशत तक ही विद्यार्थी आ सकेंगे। स्कूल आने के लिए अभिभावकों की सहमति जरूरी होगी।
शिक्षा विभाग की ओर से बच्चों को साइकिल से आने और अपने घर से पीने का पानी लाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही बच्चों को मिड डे मील भी नहीं मिलेगा। कक्षा में डेस्क पर बच्चे का नाम अंकित होगा और आने और जाने के लिए अलग-अलग दरवाजों का प्रयोग करना होगा। एक कक्षा में 30 से अधिक बच्चे नहीं बैठ पाएंगे।
बता दें कि प्रदेश में 16 जुलाई से 9वीं से 12वीं कक्षा के लिए स्कूल खोले गए थे। इस समय प्रदेश में कोरोना के केस कम हो गए हैं। इसी चलते अब अन्य कक्षाओं के लिए स्कूल खोले जा रहे हैं। हालांकि, अभी पहली से पांचवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए स्कूल नहीं खोले गए हैं।
इंटरमीडिएट सेमेस्टर के छात्र बिना परीक्षाओं के होंगे पास
स्कूलों के बाद अब तकनीकी शिक्षा विभाग ने इंटरमीडिएट सेमेस्टर के विद्यार्थियों को बिना परीक्षा के ही पास करने का निर्णय लिया है। हरियाणा के सभी पॉलीटेक्निक को पत्र जारी करते हुए अंतिम सत्र के छात्रों के लिए ऑनलाइन मॉड का विकल्प देते हुए परीक्षा लेने का निर्णय लिया है। इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स के टर्मिनल व अंतिम सत्र की परीक्षाएं, डी फार्मेसी के प्रथम व द्वितीय सत्र की परीक्षाएं ऑफलाइन मॉड में ही होंगी।
गौरतलब है कि कोविड महामारी को ध्यान में रखते हुए सीबीएसई, आईसीएसई, एचबीएसई, अन्य स्कूल बोर्डों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों ने अपने पिछले परिणामों के आधार/इंटरनल असेसमेंट पर या फिर ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया है। उधर, कांग्रेस छात्र इकाई एनएसयूआई आरटीआई सेल के राष्ट्रीय कन्वीनर दीपांशु बंसल 21 जुलाई को इसको लेकर तकनीकी विभाग के निदेशक को मांग पत्र सौंपा था।
